Field notes of community nurse
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एक मरीज, डॉक्टर, नर्स एंव संगवारी साथी की कहानी…

मेरा नाम बरखा खाल्खो है, मै सुरगुजा की हू । मै संगवारी में साल भर से काम कर रही हू । मै आपके साथ मेरा एक अनुभव इस ब्लॉग के मध्यम से साझा करुंगी। तारीख २३ जनवरी २०२३ दिन सोमवार की बात है, ये मेरी नियमित फिल्ड व्हीजीट थी । बिनिया (बदला हुवा नाम ) नाम का एक मरीज था । उसे मधुमख्खी ने काटा था, वह गहरे दर्द और चिंता में था। उसे चिंता थी की उसके गाव-पारा के पास कोई अस्पताल नही था और नाही अस्पताल जाने का कोई साधन था। तब वह मरीज संगवारी स्वास्थ्य केंद्र आया; वहा डॉक्टर, नर्स (यानी मै) और गाव स्वास्थ्य संगी ने मरीज से पुछा की- “बाबा क्या हुआ है?” तब उन्होने ने कहा-“मुझे ईलाज करवाना है, मुझे सिर पर मधुमक्खी ने काटा है और मुझे बहुत दर्द है, पुरे शरीर में बहोत पिडा हो रही है ।” तब डॉक्टर और मै ने मरीज बाबा को कहा “आप घबराइये नही, आप ठीक हो जायेंगे और आपको कुछ नही होगा ।”

हमने बाबा को बेड पर लिटाया, मैने उनका बी पी, ऑक्सिजन और अन्य जरुरी जांच किये । तब उनका बी पी बढा था (180/80 mmHg), पल्स 102 और ऑक्सिजन 99 था । डॉक्टर के कहे अनुसार मै ने तुरंत मरीज को कैन्युला (दवा लगाने की सुई ) लगाया । और जो जरुरी इंजेक्षन (सी पी एम, क्लोरिेनीरामाइन, हाइड्रोकोटस) लगाये । और साथ ही डॉक्टरने मुझे कहा कि इंजेक्षन एड्रेनलीन लोड करके रखो (तय्यार रखो) । आपातकाल में मरीज को इन्जेक्षन लगाना पड़ सकता है। मैने इन्जेक्षन लोड करके रखा । मै उन्हे देख रही थी, मुझे ध्यान में आया की उनका बी पी अचानक कम हो रहा है (75/60 mmHg) और साथ ही पुरे शरीर में खुजली, सुझन हो रही। और उन्हे चक्कर आने लगता है। तब डॉक्टर के कहे नुसार मैने इंजेक्षन एड्रेनलीन लगा दिया और कुछ समय के बाद मैने बी पी ली , तब वो ठीक हो रहा था (114/70 mmHg)। कुछ समय बाद बाबा को 10-15 मिनीट चलने को कहा और उनका बी पी नापा, अब वो सामान्य (120/60 mmHg) आता है ।

डॉक्टर ने बाबा को कहते है- “अब आप ठीक है ।” डॉक्टर कुछ दवाई लिखकर देते है और कहते है की बाबा पेट्रोलियम जैली को पुरे शरीर में लगाना है और ओ आर एस पाउडर को 1 लीटर पानी में 1 पैकेट घोलकर पुरे दिन भर में खत्म करना है। मरीज बाबा खुश होते हुए कहते है की “जी मैडम मैं पेट्रोलियम जैली को पुरे शरीर में लगाउंगा और ओ आर एस पानी भी पीउंगा।” और फिर मरीज बाबा लज्जित होकर कहते है की “मैडम, मेरे पास आपको देने के लिये पैसे नही है, आप लोगो ने मेरा पुरे दिन भर देखभाल किया मुझे माफ करना ।” तब डॉक्टर ने कहा- “कोई बात नही बाबा इस वक्त आपका स्वास्थ्य ठीक रहना महत्वपूर्ण है; न की पैसा ।” और फिर मरीज बाबा मुस्कुराते हुए डॉक्टर, मुझे और भागीरथी भैय्या (संगवारी साथी) को धन्यवाद करते हुए घर जाते हैं।

6 Comments

  1. Kishorkumar Bibe

    In such territory where no any health services available for poor tribal people and no any means of transport services in such hilly and most remote section , where Sangvari and all team members doing great job . hands off to their hard work.keep going the good work.

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