Sarguja maa Corona
हमर सरगुजा मा जब कोरोना हर आइस त गाँव कर मेनसे मन नगदेच डराय गे रहिन.
ओमन कर कहना रिहिस…..
अगर कोनो ल कोरोना धरिस… ओहर नी बांचे.
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काबर की अस्पताल दार मन धेर के ले जाथे,
तेहर नी फिरे ओला ओहीच कति माटी काटी कैइर देथे.
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ये दे लखनपुर कति गाँव कर मेनसे मन ज़ब टिका कर बात करत रहिन त ओमन कहना रिहिस…
टिका लगवाए ले बुखार लेथे अउ देहे कान मुङी मन घलो दुखाथे.
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अउ तो अउ बाँझपन आये जाथे,
डौकी मन ला लइका नई होवय, डौका मन ल नामर्द होय जाथे.
कोनो-कोनो मन कथे दुई बरस मयेर जाथे.
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लेकिन अब तनिक तनिक समझत आहें कस लागेल…
ये दे संगवारी कर टीम मन गाँव कर
पढ़ल लिखल लइका मन ला गाँव मे कोरोना झीन फैल ही कइके…
कोरोना कर जाँच करे बर, जेमन नी समझें तेमन ल समझाये बर,
ओमन कर देख रेख करे बर, टेर्निंग देहिन.
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अउ अपुनुमन वॉलिंटियर लइका मन संग डॉक्टर, नर्स, फार्मेसीस्ट समझायक शुरू करिन.
तब ले, अब टिका धीरे धीरे लगवायक शुरू करिन आहें…
– भागीरथी
उम्दा कार्य और लेख।